दुनियाभर की सरकारों के राहत पैकेजों और कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा बाजार में नकदी बढ़ाने के लिए किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद बाजार में कहीं भी ठहराव नहीं दिख रहा। सुरक्षित निवेश साधन माने जाने वाले सोना और चांदी भी लुढ़कते जा रहे हैं। जबकि, आमतौर पर अनिश्चित माहौल में लोग सोना-चांदी खरीदते हैं और इन धातुओं की कीमत बढ़ती है। निवेशक यह मान रहे हैं कि उनकी नकदी यानी, रुपए-पैसे ही किसी तरह बच जाएं तो यही उनके लिए बड़ी बात होगी। पिछले 10 दिनों में सोना करीब 6,000 रुपए प्रति तोला सस्ता हो चुका है। चांदी 22 दिनों में 15,000 रुपए प्रति किलोग्राम से ज्यादा लुढ़क चुकी है। कच्चे तेल का भाव 30 दिसंबर के मुकाबले 56% तक गिर गया है। रुपया 15 जनवरी से अब तक डॉलर के मुकाबले करीब 5% कमजोर हो चुका है। आमतौर पर जब भी अमेरिका का फेडरल रिजर्व अपनी ब्याज दर में कटौती करता है, तब सोने में उछाल दिखता है। सोमवार को भी फेडरल रिजर्व ने इस महीने दूसरी बार आपात बैठक की और अपनी ब्याज दर को घटाकर लगभग शून्य कर दिया। इसके बावजूद बुलियन में भारी गिरावट देखी जा रही है।
गोल्ड में 11 दिनों में 6,173 रुपए या 13.72 फीसदी की गिरावट
प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स पर गोल्ड में पिछले 11 दिनों में प्रति 10 ग्राम 6,173 रुपए या 13.72% की गिरावट आ चुकी है। 6 मार्च 2020 को एमसीएक्स पर गोल्ड ने 44,961 रुपए प्रति तोला का ऊपरी स्तर छुआ था। एक तोला 10 ग्राम का होता है। मंगलवार 17 मार्च को गोल्ड शाम करीब पांच बजे 38,788 रुपए प्रति तोला पर कारोबार कर रहा था। सोमवार को यह 39,518 रुपए पर बंद हुआ था। कोरोना वायरस का मामला सामने आने और बाजार में अनिश्चितता छाने के बाद शुरू में सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोना और चांदी में काफी तेजी दिखी थी। लेकिन, दुनियाभर में शेयर बाजार, निश्चित रिटर्न वाले साधन, ऊर्जा और बेस मेटल में भारी गिरावट के बाद सोना और चांदी भी दबाव में आ गए और निवेशक इनसे भी भागने लगे। कोरोना वायरस का मामला चीन में 31 दिसंबर 2019 को सामने आया था। उस दिन एमसीएक्स पर सोना 39,242 रुपए पर बंद हुआ था। 8 जनवरी 2020 को इसने 41,567 रुपए का ऊपरी स्तर छुआ। इसके बाद 19 फरवरी तक इसने इसी स्तर पर ट्रेड किया। 24 फरवरी को इसने 43,788 रुपए का ऊपरी स्तर छुआ। 6 मार्च के बाद सोने ने निर्णायक रूप से गिरावट की दिशा पकड़ी और तब से यह लगातार गिर रहा है।
चांदी 22 दिनों में 15,000 रुपए प्रति किलोग्राम से ज्यादा लुढ़का
एमसीएक्स पर पिछले 22 दिनों में चांदी में प्रति किलोग्राम 15,269 रुपए या 30.46% की गिरावट आ चुकी है। 22 दिन इसलिए कि इसी दौरान चांदी में स्पष्ट रूप से गिरावट दिखी है। 24 फरवरी को चांदी ने एमसीएक्स पर 50,123 रुपए का ऊपरी स्तर छुआ था और 50,015 रुपए पर बंद हुआ था। मंगलवार को दोपहर बाद के कारोबार में चांदी 34,854 रुपए प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही थी। 10 दिसंबर को चांदी 44,024 रुपए पर बंद हुई थी और 24 फरवरी तक कमोबेश इसमें तेजी का माहौल था। हालांकि, 24 फरवरी के बाद इसने निर्णायक रूप से गिरावट की दिशा पकड़ ली। सोमवार को चांदी इंट्राडे कारोबार में 16% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई थी, जो इसकी सबसे बड़ी गिरावट में से एक है। मंगलवार को भी चांदी की कीमत में सोमवार को मुकाबले 3.73% की गिरावट देखी गई।
कोरोना वायरस और प्राइस वार के कारण कच्चा तेल 56.82 फीसदी गिरा
कोरोनावायरस का सबसे सीधा और बुरा असर कच्चा तेल पर देखने को मिला। चीन में वायरस संक्रमण का मामला सामने आने के तुरंत बाद से कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत में गिरावट शुरू हो गई। बिजनेसइनसाइडर डॉट कॉम के मुताबिक, 30 दिसंबर 2020 को प्रमुख कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव 68.60 डॉलर प्रति बैरल था। यह मंगलवार को दोपहर बाद के कारोबार में 29.62 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था जो 56.82% या 38.98 डॉलर की गिरावट दर्शाता है। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम की कोशिशों के तहत दुनियाभर में विमानन सहित कई कारोबार ठप्प पड़ गए हैं। इससे कच्चे तेल की मांग घट गई है और इसकी कीमत में गिरावट आई है। कीमत को बढ़ाने के लिए तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और रूस के बीच उत्पादन घटाने को लेकर हुई चर्चा विफल हो गई। इसके बाद सऊदी अरब ने अपनी ओर से प्राइस वार शुरू कर दिया। उसने तेल का उत्पादन बढ़ा दिया और कीमत घटा दी। प्राइस वार शुरू होने से तेल को एक और झटका लगा और इसकी कीमत में भारी गिरावट आई है। इसके पहले 2015 में भी तेल कीमत में भारी गिरावट आई थी और 18 जनवरी 2016 को ब्रेंट क्रूड 30.09 डॉलर के निचले स्तर पर बंद हुआ था।
रुपए 15 जनवरी के बाद से 4.66 फीसदी लुढ़का
कोरोना वायरस से मचे हाहाकार के बीच देश की मुद्रा रुपए में 15 जनवरी के बाद से 4.66% गिरावट आई है। शुक्रवार को इसने 74.50 का नया निचला स्तर भी छू लिया लेकिन आरबीआई द्वारा 1.5 अरब डॉलर की बिक्री करने के बाद रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर से ऊपर उठ गया। 15 जनवरी 2020 को डॉलर के मुकाबले रुपया 70.82 पर बंद हुआ था। मंगलवार को यह 74.28 रुपए पर बंद हुआ।