वाणिज्य-उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने खिलौनों के बहाने कारोबारियों पर तंज कसा है। ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के कार्यक्रम में शुक्रवार को गोयल ने कहा कि खिलौनों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ने के बाद यह इंडस्ट्री बहुत ज्यादा सक्रिय हो गई है। गोयल ने खिलौना उद्योग से तीन सवाल किए- आपने पहले खिलौनों का स्तर क्यों नहीं सुधारा? हमारे बच्चों को अच्छे खिलौने क्यों नहीं दिए? घरेलू उद्योगों की अनदेखी कर दूसरे देशों से आने वाले घटिया सामान पर निर्भर क्यों हो गए?
'उद्योग संगठन कुर्सियां कैसे भरते हैं, यह समझ से परे'
गोयल ने उद्योग संगठनों के कार्यक्रमों में गैर-मौजूद रहने पर भी उद्योगपतियों की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि उद्योगपति मुश्किल में होने पर ही संगठनों को याद करते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए। सीआईआई, फिक्की और एसोचैम के कार्यक्रमों में कई बार यह नोटिस कर चुका हूं कि इनमें संगठन के मौजूदा अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष और कुछ अधिकारी ही शामिल होते हैं। मुझे समझ नहीं आता कि आयोजक बाकी कुर्सियां कैसे भरते हैं?
'उद्योग संगठनों का देश के प्रति कर्तव्य भी है'
सरकार ने बजट में खिलौनों पर इंपोर्ट ड्यूटी 20% से बढ़ाकर 60% करने का ऐलान किया था। खिलौना उद्योग ड्यूटी में बढ़ोतरी वापस लेने की मांग कर रहा है। गोयल का कहना है कि व्यापार, उद्योग और कारोबारी जगत के लोगों की जब देश को जरूरत होती है तब वे कहां होते हैं? गोयल ने एआईएमए के अध्यक्ष संजय किर्लोस्कर और पूर्व अध्यक्ष हर्ष पति सिंघानिया से कहा कि आप अपने सभी साथियों और दोस्तों को बता दें कि वे उद्योग संगठनों को गंभीरता से लें। ये संगठन सिर्फ मुसीबत में मदद का जरिया भर नहीं हैं, बल्कि इनका देश के प्रति भी कर्तव्य है।